तितरम मोड़ क्या है?

मेरी फ़ोटो
सम्भव(SAMBHAV - Social Action for Mobilisation & Betterment of Human through Audio-Visuals) सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों को समर्पित मंच है. हमारा विश्वास है कि जन-सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर जन-भागीदारी सुनिश्चित करके समाज को आगे ले जाना मुमकिन है.

सोमवार, दिसंबर 20, 2010

‘सम्भव’ का अभियान-पत्र


सम्भव
SAMBHAV
Social Action for Mobilisation & Betterment of Human through Audio-Visuals


सम्भव का अभियान-पत्र
एक नयी दुनिया सम्भव है

ब्रेकफास्ट फार गर्ल्स एजुकेशन यानि लड़कियों की शिक्षा के लिए नाश्ता यह नाम कुछ अजीब सा लग सकता है. भला नाश्ते का  लड़कियों की पढ़ाई से क्या वास्ता. उन्हें भरपेट और पौष्टिक खाना मिल जाए, नाश्ता तो दूर की बात है.  लेकिन लड़कियों के लिए नाश्ता और शिक्षा दोनों ही आज महत्वपूर्ण मुद्दें हैं. इनके प्रति सरोकार और हरियाणा में लड़कियों और महिलाओं की शर्मसार होती स्थिति में बदलाव लाने ले लिए बिना किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी आर्थिक मदद के काम करने वाली सामाजिक संस्था संभव द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है. इस साप्ताहिक अभियान के तहत नाश्ते की बिक्री से हुई बचत को लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च किया जा रहा है. यह अभियान कैथल जिले के तितरम गांव से आरम्भ हुआ है जिसका लक्ष्य जिले, प्रदेश और पूरे समाज में बदतर होती लड़कियों की स्थिति के प्रति लोगों को झकझोरना, उनकी सोई संवेदना को फिर से जगाना है. यह अभियान एक बड़े उद्देश्य का हिस्सा है.
      संभव का उद्देश्य संवेदनशील मुद्दों पर ऑडियो-विजुअल एवं अन्य माध्यमों की सहायता से समाज के विभिन्न समुदायों से जुड़ना और अपने अभियान में उन्हें साझीदार बनाना है.
संभव हरियाणा में लगातार कम होती लड़कियों की संख्या, अशिक्षा, घरेलू हिंसा, उनके जनतांत्रिक अधिकारों को कुचलने जैसे अन्य गंभीर मुद्दों पर समाज में चर्चा-परिचर्चा बहसों और विभिन्न सांस्कृतिक माध्यमों से एक बदलाव लाने के लिए वचनबद्ध है.
संभव सूचना का अधिकार, उपभोक्ता सरंक्षण अधिकार और शिक्षा के अधिकार को वास्तविकता बनाने के लिए संकल्पबद्ध है क्योंकि कानूनी साक्षरता के बिना समाज को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. 
हरियाणा भयंकर भूजल संकट से गुजर रहा है जो निकट भविष्य में और गंभीर रूप लेने वाला है. दूसरी ओर धरती अपने प्रति छेड़छाड़ का गुस्सा बाढ़ और सूखे के रूप में व्यक्त कर रही है.  ऐसे में अपनी धरती को बचाने के प्रयत्न में साझीदार बनाना और पूरे समुदाय को उसमें जोड़ना भी संभव का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है.
आज जब चांद पर मानव को बसाने की बात चल रही है तब भी हम घोर अंधविश्वासी विचारों और मान्यताओं को ढो रहें हैं.  इंसान-इंसान के प्रति, एक समुदाय दूसरे समुदाय के प्रति, एक धर्म दूसरे धर्म के प्रति उदारता को खोता जा रहा है. क्या इन सब के बने रहते समाज आगे बढ़ सकता है?  संभव उदारता और तर्क पर आधारित समतामूलक और एक खुशहाल समाज बनाने के प्रति वचनबद्ध है.
हम घर-परिवार और मित्रों के लिए अपनी जिम्मेवारी के प्रति तो सजग रहतें हैं लेकिन उस समाज के प्रति अपना कोई ऋण नहीं समझते जिसके बिना हम चंद महीनों से ज्यादा जीवित नहीं रह सकते. यह चूक क्यों? यह संवेदनहीनता क्यों?? यह गैर सरोकार क्यों??? समाज बदलाव में हर व्यक्ति की भूमिका होती है.  समाज में बदलाव आपकी भागीदारी और साझेदारी के बिना अधूरा है. बदलावों को अंजाम देने के लिए हमें दूर जाने की जरूरत नहीं.  अपने घर, परिवार, अपने बच्चों, अपने पड़ोस और अपने समुदाय से हम यह शुरुआत कर सकते हैं.  आईये, एक बेहतर इंसान बनने, एक बेहतर इंसान बनाने, एक बेहतर समुदाय और समाज बनाने के लिए मिलकर साझा प्रयास करें.
      वर्ष को सम्भव ने ग्राम पुस्तकालय एवं सशक्तिकरण वर्ष के तौर पर मनाने का का निर्णय किया है.  इस कार्यक्रम के तहत अधिकतम गाँवों में पुस्तकालय एवं सशक्तिकरण केन्द्र खोलने की योजना है. क्योंकि सम्भव इस जिम्मेवारी को जन-सहयोग, जन-सरोकार से ही पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है. जो साथी इस अभियान में शामिल होना चाहते हैं सम्भव टीम से संपर्क कर सकतें हैं.
                                         संपर्क
                           प्रेमचंद पुस्तकालय, ग्राम-सशक्तिकरण केंद्र,
                           तितरम, जिला कैथल (हरियाणा)
                           9813272061, 9896085488, 9416203045