तितरम मोड़ क्या है?

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सम्भव(SAMBHAV - Social Action for Mobilisation & Betterment of Human through Audio-Visuals) सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों को समर्पित मंच है. हमारा विश्वास है कि जन-सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर जन-भागीदारी सुनिश्चित करके समाज को आगे ले जाना मुमकिन है.

सोमवार, जून 06, 2011

एक अधूरी कविता

रोज़ होती है वो मेरे साथ
सुबह, शाम

ना जाने कितने सालों से
मेरे साथ टहलती है,
सोचती है..
हँसती है
रोती भी है

मेरी अधूरी कविता