इसे भतेरे ढ़ोंगी बाबा सैं जिनका प्रवचन कोए ना सुणता ! इसा ए एक बाबा कुरुक्षेत्र में आ-ग्या, उसनै सोच्या अक ये हरयाणा आळे तै बड़े भोळे-भाळे सैं, कोए तै मेरा प्रवचन मुफ्त में सुण ए लेगा !
बाबा नै एक छोरा स्कूल में जाता देख्या । उसनै फट-दे नै एक मोमबत्ती जळाई अर छोरे धोरै गया अर बोल्या - बेटा, तुम्हें पता है कि यह लौ कहां से आई है ?
छोरे नै सोच्या अक जै इस ताहीं जवाब दिया तै इसके प्रवचन चालू हो ज्यांगे ।
छोरे नै उस मोमबत्ती कै फूक मारी अर बोल्या - महाराज, या कित्तै तैं आई हो, पर न्यूं बता अक या सुसरी गई कित?
बाबा नै एक छोरा स्कूल में जाता देख्या । उसनै फट-दे नै एक मोमबत्ती जळाई अर छोरे धोरै गया अर बोल्या - बेटा, तुम्हें पता है कि यह लौ कहां से आई है ?
छोरे नै सोच्या अक जै इस ताहीं जवाब दिया तै इसके प्रवचन चालू हो ज्यांगे ।
छोरे नै उस मोमबत्ती कै फूक मारी अर बोल्या - महाराज, या कित्तै तैं आई हो, पर न्यूं बता अक या सुसरी गई कित?