कविता की जो थोड़ी बहुत समझ आयी वो अंशु को जानने और उसकी कविता को पढ़ने के बाद ही आयी, और 'नोर्थ-ईस्ट' को जो थोड़ा बहुत जाना वो डा.लाल बहादुर वर्मा को जानने और उनके उपन्यास उत्तर पूर्व को पढ़ने के बाद ही जाना. छ:-सात साल पहले लिखी अंशु की इस कविता को आज भी पढता हूं तो डिस्टर्ब होता हूं, सबको होना चाहिए जो मणिपुर को जानते हैं या फिर नहीं जानते .......
(मणिपुर में जुलाई2004, सेना ने मनोरमा की बलात्कार के बाद हत्या कर दी. मनोरमा के लिए न्याय की मांग करते महिलाओं ने निर्वस्त्र हो प्रदर्शन किया. उस प्रदर्शन की हिस्सेदारी के लिए ये कविता......अंशु )
ये पोस्ट इरोम शर्मिला को समर्पित है