कैथल& राष्ट्रीय संस्था संभव द्वारा पेंटिग एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में लगभग 46 बच्चों ने भाग लिया तथा पेंटिंग में भिन्न-भिन्न रंग उकेरे। इस अवसर पर संस्था द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। डा. आशु वर्मा व गुरप्रीत कौर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पीएल भारद्वाज ने संस्था द्वारा समय-समय पर करवाए जा रहे रचनात्मक कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संस्था ने जिलेभर की लडकियों को शिक्षित करने का जो बीडा उठाया है वह प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेने से बच्चों को अंदर छीपी प्रतिभा को बाहर निकलने का मौका मिलता है। इस अवसर पर निर्मल सिंह, अनिल मलिक, वीपी बेनीवाल, संजीव कुमार, केंद्र संयोजक रामफल, ओमप्रकाश, सत्यवान, सुभाष भी उपस्थित थे।
तितरम मोड़ यूँ तो हरियाणा के एक हाइवे पर स्थित एक सामान्य तिराहा है-एक टी-प्वायंट, जहाँ से एक रास्ता राज्य की राजधानी को, एक दिल्ली को और तीसरा अन्य शहरों, कस्बों को जाता है.. यहाँ चौबीसों घंटे आम-आदमी बस या किसी और साधन की प्रतीक्षा करते और बीच-बीच में हूटर बजाती दनादन गुजरती गाड़ियों को तकता देखा जा सकता है. उसी आम आदमी की उम्मीदों को समर्पित है यह ब्लॉग. इसके निकट है 'सम्भव' द्वारा स्थापित प्रेमचंद पुस्तकालय और एक केन्द्र.वहीँ से ये ब्लॉग भी चलता है.
तितरम मोड़ क्या है?
- कुमार मुकेश
- सम्भव(SAMBHAV - Social Action for Mobilisation & Betterment of Human through Audio-Visuals) सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों को समर्पित मंच है. हमारा विश्वास है कि जन-सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर जन-भागीदारी सुनिश्चित करके समाज को आगे ले जाना मुमकिन है.