'ब्रेकफास्ट फॉर गर्ल्स एजुकेशन' यह नाम है तितरम गांव में 'संभव' संस्था द्वारा स्थापित 'ग्राम सशक्तीकरण केंद्र' द्वारा शुरू किये जा रहे अभियान का. इस अभियान का उद्देश्य उन लड़कियों की पढाई का खर्च एकत्र करना है जिनकी पढाई आर्थिक अथवा अन्य कारणों से बीच में ही छूट गई. इस अभियान के तहत लड़कियों की पढाई का खर्च दान अथवा अनुदान पर आश्रित न होकर सामूहिक प्रयास से एकत्रित किये जाने का फैसला किया गया.
इसके तहत दिनांक 28-11-2010 को केंद्र द्वारा कैथल के सेक्टर 19 व 20 में नाश्ते का स्टाल लगाया जाएगा एवं साथ ही एक पुस्तक प्रदर्शनी लगाई जायेगी और उससे एकत्रित राशि को लड़कियों की पढाई पर खर्च किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि एक सर्वेक्षण के पश्चात ग्राम तितरम की उन लड़कियों को चिन्हित किया गया जो बारहवीं के पश्चात किन्ही कारणों से उच्च शिक्षा के लिए नहीं जा सकी. इन लड़कियों के लिए केंद्र द्वारा स्थापित पुस्तकालय में कक्षाएं लगाना, अध्यापकों और पठन सामग्री की व्यवस्था करना इस कार्यक्रम का मुख्या हिस्सा है.
प्रत्येक रविवार एवं अन्य किसी विशिष्ट दिवस पर ब्रेकफास्ट अभियान या अन्य कार्यक्रमों द्वारा न केवल लड़कियों की शिक्षा का व्यय निकालना बल्कि उनकी शिक्षा के महत्व और ज़रूरत को रेखांकित करना है. साथ ही इस अभियान के तहत बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों से संवाद स्थापित करना और इस तथ्य से अवगत कराना कि देश के न्यूनतम कन्या दर एवं न्यूनतम कन्या शिक्षा वाले जिलों में शामिल कैथल में कन्या शिक्षा की अलख जगाए बिना सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन का लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन है. शिक्षा में कमी का एक बड़ा कारण लड़कियों के प्रति पिछड़े एवं मध्यकालीन मूल्य हैं. इन मूल्यों को बिना बदले कन्या शिक्षा की दर को भी नहीं बढ़ाया जा सकता. इस अभियान में इन दोनों उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.
इसी कार्यक्रम के तहत गत दिवस गांव की ही संगीत मंडली द्वारा गांव में एक संगीत संध्या का आयोजन किया गया. समस्त गांव ने इसमें बढ़ चढ कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम का संयोजन रामफल मालिक और डा. आशु वर्मा ने किया. केन्द्र ने इस कार्यक्रम से एकत्र राशि को भी लड़कियों की शिक्षा पर व्यय करने का निर्णय किया.
तितरम मोड़ यूँ तो हरियाणा के एक हाइवे पर स्थित एक सामान्य तिराहा है-एक टी-प्वायंट, जहाँ से एक रास्ता राज्य की राजधानी को, एक दिल्ली को और तीसरा अन्य शहरों, कस्बों को जाता है.. यहाँ चौबीसों घंटे आम-आदमी बस या किसी और साधन की प्रतीक्षा करते और बीच-बीच में हूटर बजाती दनादन गुजरती गाड़ियों को तकता देखा जा सकता है. उसी आम आदमी की उम्मीदों को समर्पित है यह ब्लॉग. इसके निकट है 'सम्भव' द्वारा स्थापित प्रेमचंद पुस्तकालय और एक केन्द्र.वहीँ से ये ब्लॉग भी चलता है.
तितरम मोड़ क्या है?
- कुमार मुकेश
- सम्भव(SAMBHAV - Social Action for Mobilisation & Betterment of Human through Audio-Visuals) सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों को समर्पित मंच है. हमारा विश्वास है कि जन-सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर जन-भागीदारी सुनिश्चित करके समाज को आगे ले जाना मुमकिन है.